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bodhivriksh
शुक्रवार, 20 अगस्त 2010
मीठेश निर्मोही जी
कल मित्र प्रेमचंद गाँधी के साथ बैंक में मीठेश निर्मोही जी से मिलने का सुअवसर मिला। वे मिठास से परिपूरण व्यक्ति हैं। मिलकर अच्छा लगा। कुछ चर्चा हुई, कुछ गपशप। छोटी-छोटी मुलाकातें कितनी जरूरी हैं जिंदगी के लिए, बड़ी-बड़ी बातों की बजाय....
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