skip to main
|
skip to sidebar
bodhivriksh
सोमवार, 16 अगस्त 2010
बहाना
वजह ना सही
बहाना ही दे दो
मैं जीना चाहता हूँ
क्योंकि मरने की
ना कोई वजह है
ना बहाना
-मायामृग
1 टिप्पणी:
Sunil Kumar
16 अगस्त 2010 को 5:36 am बजे
जीने का कोई बहाना आपको जरूर मिल जायेगा हिम्मत रखिये
जवाब दें
हटाएं
उत्तर
जवाब दें
टिप्पणी जोड़ें
ज़्यादा लोड करें...
नई पोस्ट
पुरानी पोस्ट
मुख्यपृष्ठ
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
sathi sath hain
मुखपृष्ठ
फ़ॉलोअर
ब्लॉग आर्काइव
▼
2010
(55)
►
सितंबर
(6)
▼
अगस्त
(13)
जातिरहित समाज
बाज़ार नहीं बाजारवाद
पैमाना
आभार
किचन में घुंघुरू
जातिरहित समाज
भीतर का लोकतंत्र
कल फिर दिल्ली
मीठेश निर्मोही जी
बहाना
धूमिल की कविता
सम्मान
सुष्मिता जी का जाना
►
जुलाई
(9)
►
जून
(14)
►
मई
(5)
►
अप्रैल
(1)
►
फ़रवरी
(5)
►
जनवरी
(2)
►
2009
(2)
►
दिसंबर
(2)
मेरे बारे में
mayamrig
मेरा पूरा प्रोफ़ाइल देखें
जीने का कोई बहाना आपको जरूर मिल जायेगा हिम्मत रखिये
जवाब देंहटाएं